वाह रे ज़िन्दगी क्या खूब रंग दिखाती है तू,
को दिल से लगा कर बड़ी दूर ले जाती है तू,
क्या कहें अरे औ मेरी जाने जाँ तुझसे...
बस चार दिनों में हजारों रंग दिखाती है तू....
सच में ये जिंदगानी भी बड़े अजीब -अजीब से मोडो से गुजरती है। कभी हँसती मुस्कुराती हमे बहलाती हुई अपने साथ दूर तलक लिए जाती है तो कभी अगले ही पल ऐसे थोखर मार देती है की लगता है की मनो सब कुछ ठहर सा गया है। अभी कुछ हे दिन पहले की हे तो बात है...... एक साल तक कोचिंग करने क बाद जब घर लौटा था तो सभी पुराने दोस्तों से मुलाकात हुई थी......बड़ा अच्छा लगा था पुराने दिनों की यादों को फ़िर से अपने इतना कर्रीब पाकर । पर ये वक्त का पहिया घूमता चला गया और हमेशा की तरह हम भी बहते चले गए। सबको कॉलेजेंस में ऐडमिशन मिल गया और आज फ़िर वो वक्त आ गया है जब हम फ़िर अलग हो राए हैं शायद फ़िर मिलने क लिय ।
इस बार न जाने क्यों थोड़ा ज्यादा अजीब सा लग रहा है। घर में भी कहते हैं की इस बार जो लड़का गया तो फ़िर तो बस मेहमान ही बन कर आएगा। शायद सच भी है । अब में कॉलेज में जा रहा हूँ । चार साल का बी॰टेक कोर्स करने के लिए। फ़िर भगवन ने चाहा तो कोई जॉब लग जयेगी जाहिर सी बात हैं किसी बड़े सेहर में ही रहना पड़ेगा ।
तो क्या सच मैं अब इस जिगाह से नाता टूट जाएगा । सोचता हूँ सही नही होगा पर मजबूर हूँ कर भी क्या सकता हूँ। कैसी विडम्बना है की एक साल तयारी करके में ऐसी सिक्षा ग्रहण करने जा रहा हूँ जो मेरा नाता मेरे अपने घर से तोड़ देगी। समझ नै आता इस बात पर किसे प्रतिक्रिया करूँ। बड़ी अजीब हो गई है हमारी नई शिक्षा प्रणाली जो हमे अपने हे घर में मेहमान बना देती है। क्या खूब तोहफा है । जानता हूँ जैसे जैसे इस राह पर आगे बढूँगा बहोत सी चीजों से बहोत दूर होता जाऊंगा ।
पर क्या में कुछ कर सकता हूँ। शायद नही। ये नियत का खेला है बस हम तो बढे चलिएँगे जिधर ज़िन्दगी ले जयेगी। आख़िर ये मेरा ख़ुद का फैसला नही । घर वाले मुझे मर्जी से ही तो भेज राए हैं । और कर भी क्या सकते है यहाँ तो कोई अंतर्द्वंद की स्तिथि भी नही है । सबको पता है अगर कल इस समाज में खड़ा होना है तो यह जरुरी है।
कल एक नया खुस-हाल घर बन सकूँ इसलिए अब इस घनी chhanv से बहार aakar dhop में तपना हो गा। बहोत badal गए हैं हम आज हमारी संवेदना भी बिकाऊ है और मुस्कुराहट भी। " कौन कहता है की हँसी खरीदी नही जाती.............कभी देखा है गरीबों को मेलों में ठिठकते हुए..उनके आँखों को हर दूकान पर ठहरते हुए .....बच्चों को khelaunoo के लिए मचलते हुए......... कभी हों आना फ़िर कहना मुझसे क्या कुछ नही है बिकता इस दुनिया की हात में।
खैर मेरे कुछ दोस्त जा चुके है कुछ तैयार्रियों में मशगूल हैं........ और में भी बस तैयार हों रहा हूँ एक ऐसे सफर पर जहाँ से अब अपने ही घर में मेहमान बनकर लौटूंगा । पर न जाने क्यूँ ये कमबख्त दिल इन दीवारों को पराया मान=ने को तैयार ही नही हों रहा है।
मेरे कंप्यूटर पर एक गाना बज रहा है। न जाने क्यों आज कल ये कुछ ज्यादा ही अच्छा लगने लगा है..........
एक प्यार का nagma है maujon की ravaani है ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी kahani है
एक प्यार का nagma है
कुछ पाकर khona है कुछ खो कर paana है जीवन का matlab तो आना और जाना है दो पल के जीवन से एक umr churaani है ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी kahani है एक प्यार का nagma है .......................
को दिल से लगा कर बड़ी दूर ले जाती है तू,
क्या कहें अरे औ मेरी जाने जाँ तुझसे...
बस चार दिनों में हजारों रंग दिखाती है तू....
सच में ये जिंदगानी भी बड़े अजीब -अजीब से मोडो से गुजरती है। कभी हँसती मुस्कुराती हमे बहलाती हुई अपने साथ दूर तलक लिए जाती है तो कभी अगले ही पल ऐसे थोखर मार देती है की लगता है की मनो सब कुछ ठहर सा गया है। अभी कुछ हे दिन पहले की हे तो बात है...... एक साल तक कोचिंग करने क बाद जब घर लौटा था तो सभी पुराने दोस्तों से मुलाकात हुई थी......बड़ा अच्छा लगा था पुराने दिनों की यादों को फ़िर से अपने इतना कर्रीब पाकर । पर ये वक्त का पहिया घूमता चला गया और हमेशा की तरह हम भी बहते चले गए। सबको कॉलेजेंस में ऐडमिशन मिल गया और आज फ़िर वो वक्त आ गया है जब हम फ़िर अलग हो राए हैं शायद फ़िर मिलने क लिय ।
इस बार न जाने क्यों थोड़ा ज्यादा अजीब सा लग रहा है। घर में भी कहते हैं की इस बार जो लड़का गया तो फ़िर तो बस मेहमान ही बन कर आएगा। शायद सच भी है । अब में कॉलेज में जा रहा हूँ । चार साल का बी॰टेक कोर्स करने के लिए। फ़िर भगवन ने चाहा तो कोई जॉब लग जयेगी जाहिर सी बात हैं किसी बड़े सेहर में ही रहना पड़ेगा ।
तो क्या सच मैं अब इस जिगाह से नाता टूट जाएगा । सोचता हूँ सही नही होगा पर मजबूर हूँ कर भी क्या सकता हूँ। कैसी विडम्बना है की एक साल तयारी करके में ऐसी सिक्षा ग्रहण करने जा रहा हूँ जो मेरा नाता मेरे अपने घर से तोड़ देगी। समझ नै आता इस बात पर किसे प्रतिक्रिया करूँ। बड़ी अजीब हो गई है हमारी नई शिक्षा प्रणाली जो हमे अपने हे घर में मेहमान बना देती है। क्या खूब तोहफा है । जानता हूँ जैसे जैसे इस राह पर आगे बढूँगा बहोत सी चीजों से बहोत दूर होता जाऊंगा ।
पर क्या में कुछ कर सकता हूँ। शायद नही। ये नियत का खेला है बस हम तो बढे चलिएँगे जिधर ज़िन्दगी ले जयेगी। आख़िर ये मेरा ख़ुद का फैसला नही । घर वाले मुझे मर्जी से ही तो भेज राए हैं । और कर भी क्या सकते है यहाँ तो कोई अंतर्द्वंद की स्तिथि भी नही है । सबको पता है अगर कल इस समाज में खड़ा होना है तो यह जरुरी है।
कल एक नया खुस-हाल घर बन सकूँ इसलिए अब इस घनी chhanv से बहार aakar dhop में तपना हो गा। बहोत badal गए हैं हम आज हमारी संवेदना भी बिकाऊ है और मुस्कुराहट भी। " कौन कहता है की हँसी खरीदी नही जाती.............कभी देखा है गरीबों को मेलों में ठिठकते हुए..उनके आँखों को हर दूकान पर ठहरते हुए .....बच्चों को khelaunoo के लिए मचलते हुए......... कभी हों आना फ़िर कहना मुझसे क्या कुछ नही है बिकता इस दुनिया की हात में।
खैर मेरे कुछ दोस्त जा चुके है कुछ तैयार्रियों में मशगूल हैं........ और में भी बस तैयार हों रहा हूँ एक ऐसे सफर पर जहाँ से अब अपने ही घर में मेहमान बनकर लौटूंगा । पर न जाने क्यूँ ये कमबख्त दिल इन दीवारों को पराया मान=ने को तैयार ही नही हों रहा है।
मेरे कंप्यूटर पर एक गाना बज रहा है। न जाने क्यों आज कल ये कुछ ज्यादा ही अच्छा लगने लगा है..........
एक प्यार का nagma है maujon की ravaani है ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी kahani है
एक प्यार का nagma है
कुछ पाकर khona है कुछ खो कर paana है जीवन का matlab तो आना और जाना है दो पल के जीवन से एक umr churaani है ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी kahani है एक प्यार का nagma है .......................
आशीष जी काफी बढ़िया लिखा है आपने ,मेरे ब्लॉग पर आने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद |
ReplyDeleteआपने पूछा था कि ब्लोगवाणी का लिंक अपने ब्लॉग पर कैसे लगाऊ,तो ये बहुत सरल है
आपको जो कोड ब्लोगवाणी से मिला है उसको कॉपी कर लो |
उसके बाद ब्लॉगर में लोगिन करके,अपने डेशबोर्ड में पहुँच जायोगे ,उसके बाद Layout आप्शन पर क्लिक करे|
आपको वहां पर एक आप्शन (दाहिने तरफ) मिलेगा Add a Gadget. उस पर क्लिक करे |
उसमे जो Gadget दिखाई दें उसमे से तीसरे न. पर मौजूद HTML/JavaScript नामक Gadget पर '+' के मार्क पर क्लिक करना होगा | जिससे ये Gadget आपके ब्लॉग पर add हो जायेगा |
उसके बाद उसके Content में आपको कॉपी किया हुआ कोड पेस्ट करना होगा |
बस हो गया ,ब्लोगवाणी का लिंक आपके ब्लॉग पर ,हाँ इसी Gadget में आप कोई भी HTML/JavaScript कोड पेस्ट कर सकते हो |
अगर कोई दिक्कत हो तो आप मुझे rathore.rahul18@gmail.com पर मेल कर सकते हो |
acha hai
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